विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस: 15 मार्च
विश्व भर में आज विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जा रहा है। दुनिया भर में हर साल 15 मार्च का यह दिन उपभोक्ता के हक की आवाज़ उठाने और उन्हें अपने अधिकारों की सुरक्षा के लिए जागरुक बनाने के लिए मनाया जाता है।
सबसे पहले 1983 में उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाने की शुरूआत कंज्यूमर्स इंटरनेशनल नाम की संस्था ने की थी। इसके पीछे मकसद था कि दुनिया भर के सभी उपभोक्ता यह जानें कि बुनियादी जरूरतें पूरी करने के लिए उनके क्या हक हैं। साथ ही सभी देशों की सरकारें उपभोक्ताओं के अधिकारों का ख्याल रखें।
वर्ष 2017 के विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस की थीम (विषय) "बिल्डिंग अ डिजिटल वर्ल्ड कंज्यूमर्स कैन ट्रस्ट" है।
भारत में 24 दिसम्बर राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। सन् 1986 में इसी दिन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधेयक पारित हुआ था। इसके बाद इस अधिनियम में 1991 तथा 1993 में संशोधन किये गए। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को अधिकाधिक कार्यरत और प्रयोजनपूर्ण बनाने के लिए दिसम्बर 2002 में एक व्यापक संशोधन लाया गया और 15 मार्च 2003 से लागू किया गया।
उपभोक्ता:
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अनुसार कोई व्यक्ति जो अपने उपयोग के लिये सामान अथवा सेवायें खरीदता है वह उपभोक्ता है। क्रेता की अनुमति से ऐसे सामान/सेवाओं का प्रयोग करने वाला व्यक्ति भी उपभोक्ता है। अत: हम में से प्रत्येक किसी न किसी रूप में उपभोक्ता ही है।
उपभोक्ता के अधिकार:
उन उत्पादों तथा सेवाओं से सुरक्षा का अधिकार जो जीवन तथा संपत्ति को हानि पहुँचा सकते हैं।
उत्पादों तथा सेवाओं की गुणवत्ता, मात्रा, प्रभाव, शुद्धता, मानक तथा मूल्य के बारे में जानने का अधिकार जिससे कि उपभोक्ता को अनुचित व्यापार पद्धतियों से बचाया जा सके।
जहाँ भी संभव हो, वहां प्रतियोगात्मक मूल्यों पर विभिन्न उत्पादों तथा सेवाओं तक पहुँच के प्रति आश्वासित होने का अधिकार।सुनवाई और इस आश्वासन का अधिकार कि उचित मंचों पर उपभोक्ता के हितों को उपयुक्त विनियोग प्राप्त होगा।अनुचित या प्रतिबंधात्मक व्यापार पद्धतियों या उपभोक्ताओं के अनैतिक शोषण के विरुद्ध सुनवाई का अधिकार।उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार।
No comments:
Post a Comment