धात्विक चालकों में विद्यूत धारा का प्रवाह
धात्विक चालकों में विद्युत धारा का प्रवाह धातु के अवयवों में इलेक्ट्रॉनों के स्थानांतरण के कारण होता है। धातु के अवयवों में इलेक्ट्रॉनों की गति तथा संख्या अधिकतम विद्युत धारा का प्रभाव डालते हैं। धात्विक चालकों की विद्युत धारा उनके आयाम तथा घनत्व पर भी निर्भर करती है।
धात्विक चालकों के अवयवों में इलेक्ट्रॉनों के संचार को सुव्यवस्थित रूप से बनाए रखने के लिए, उन्हें एक धात्विक चालक के दोनों सिरे में संयोजित किया जाता है। एक सिरे से इलेक्ट्रॉन उत्तेजित होते हैं और दूसरे सिरे से ये इलेक्ट्रॉन आते हैं। इस प्रकार, धात्विक चालक की विद्युत धारा का प्रवाह उनके सिरों के मध्य से होता हुआ एक अवयव से दूसरे अवयव तक पहुंचता है।
धात्विक चालकों की विद्युत धारा को
ओह्म के नियम (Ohm's Law) से व्यक्त किया जाता है,
जो कि विद्युत धारा (I) बराबर होती है विद्युत
विसंगति (V) और धातु की आवेग क्षमता (σ) के
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